हरि गुण गाने को जी चाहता है - Hari Gun Gane ko ji chahta hai

हरि  गुण  गाने  को जी चाहता है


हरि  गुण  गाने  को जी चाहता है। 
प्रभु पद पाने  को जी चाहता है।।

ओ  चितचोर जो ओझल  भी है सामने भी। २ 
उससे नजरे मिलाने को जी चाहता है। ।

हरि  गुण  गाने  को जी चाहता है। 
प्रभु पद पाने  को जी चाहता है।। 

ओ  भक्ति जिससे मुक्ति पाती है दुनिया २ 
उसमे  डूब  जाने को जी चाहता है। 

हरि  गुण  गाने  को जी चाहता है। 
प्रभु पद पाने  को जी चाहता है।।

झलक एक तेरी ओ मैंने जो पायी । २ 
कि फिर दर्शन पाने को  जी चाहता है। । 

हरि  गुण  गाने  को जी चाहता है। 
प्रभु पद पाने  को जी चाहता है।।





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