मकर संक्रांति खरमास की समाप्ति


Makar Sankranti Kharmas Ki Samapti

मकर संक्रांति खरमास की समाप्ति पर मनाया जाने वाला त्योहार है. इस दिन स्नान दान का विशेष महत्व । नदियों,सरोवरो और पुण्य क्षेत्रों पर श्रद्धालुओं की  भारी भीड़ लग जाति है ।

 क्या है खरमास

सूर्य  एक राशि में एक महीने रहता है । सूर्य जब धन राशि में होता है तो वह महीना खरमास का महीना होता है । 14 दिसम्बर से लेकर  14 जनवरी तक होता है । इस एक महीने में कोई भी शुभ कार्य नही होता । इस महीने 
को खरमास कहा कहे जाने के बारे में एक पौराणिक कथा प्रचलित है।
प्रकृति के नियम के अनुसार सूर्य को निरंतर चलते रहना है। निरंतर चलते चलते एक दिन सूर्य के घोड़ों को प्यास लग गयी प्यास से ब्याकुल घोड़े पानी के लिए तड़प रहे थे।  सूर्य मार्ग में एक तालाब देख अपने घोड़ों को पानी पिलाने लगे। एक एक कर सभी घोडों को रथ से खोल कर पानी पिलाने लगे। तभी सूर्य को इस बात का स्मरण हुआ की ईश्वर के विधान के अनुसार सृष्टि को सुचारू रूप से चलने के लिए सूर्य का निरंतर चलते रहना जरुरी है। सूर्य ने तुरंत तालाब के किनारे चर रहे गधों को रथ में जोड़कर रथ को हांक देने का  आदेश दिया। इस तरह खर मतलब गधे की सवारी कर सूर्य एक माह चलते रहे। खर से जुड़े रथ से चलने के कारण यह महीना खर मास के नाम से जाना जाता है। 

खरमास की समाप्ति मकर संक्रांति 

सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में जाते हैं तो इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन के बाद आने वाले शुभ मुहूर्त शुभ कार्यों के लिए ग्राह्य हो जाते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर  स्नान दान का विशेष महत्व है। लोग इस दिन नदियों और पवित्र सरोवरों में स्नान करते है और दान पुण्य भी करते हैं। संक्रांति का यह त्यौहार लोहड़ी के त्यौहार के बाद मनाया जाता है। लोहड़ी सिख समुदाय का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। 
इस बार मकर संक्रांति के स्नान का पुण्य काल शनिवार को दिन में २:०३ के उपरांत से सूर्यास्त तक है . अतः श्रद्धालू २ बजे के बाद स्नान दान आदि करेंगे . इस अवसर पर विशेष पारंपरिक खाद्य का प्रचलन है . इन खाद्य पदार्थों में तिल, गुड , मूंगफली और मुरी से बने गज़क शामिल हैं .

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