Tin Mitra Kachhuwa, Hiran aur Kauwa - तीन मित्र कछुआ , हिरण और कौआ

एक जंगल मे तीन जानवर मित्रता से रहते थे। तीनो मित्र एक दुसरे के काम आते और सुख दुख मे एक दुसरे की मदद करते। ये तीनो मित्र कछुआ , हिरण और कौआ थे । 
वो तीनो एक दुसरे को उनके दुष्मनो की सुचना देकर सतर्क कर देते। एक दीन कछुआ कुछ लापरवाही के कारण शिकारी के जाल मे फंस गया । कछुआ के बाक़ी मित्रो ने उसे शिकारी के जाल से मुक्त करने के लिए एक योजना बनाई । 
 कौआ हिरण से कहा कि तुम शिकारी के मार्ग मे आगे जाकर मृत जानवर की तरह लेट जाओ। शिकारी मार्ग मे दुसरा शिकार देखकर संभव है कछुआ को जमीन पर रखकर तुमको लेने तुम्हारे तरफ जाए। 

मेरा एक मित्र चुहा वही पेड़ के नीचे सौ बील बनाकर रहता है। मै उसी पेङ पर बैठकर शिकारी की गतिविधि से तुम्हे अवगत कर दुगा और तुम अपनेपास आए शिकारी से सावधान होकर भाग निकलना

उधर जब शिकारी तुमको लेने आ रहा होगा। मेरा मित्र चुहा कछुआ के बंधन को काट देगा और ओ पास के तालाब मे बिना बिलम्ब किए चला जाएगा।

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उपाय से जो संभव है वो पराक्रम से नहीं हो सकता।
"उपायेन हि यत शक्यं न तत्शक्यं पराक्रमैः "

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